एसजेवीएन ने सीईए से अरुणाचल प्रदेश में 3777 मेगावाट जलविद्युत परियोजनाओं की डीपीआर की सहमति हासिल की….

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शिमला: 10.11.2023 : श्री नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने बताया कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए), विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने एसजेवीएन के पक्ष में 3097 मेगावाट एटलिन एचईपी और 680 मेगावाट अटुनली एचईपी की डीपीआर की सहमति हस्तांतरित कर दी है। सीईए ने उक्त सहमति की वैधता को भी बढ़ा दिया।

श्री शर्मा ने आगे बताया कि सीईए ने पहले मेसर्स एटालिन हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और मेसर्स अटुनली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड के पक्ष में सहमति प्रदान की थी। मार्च 2022 के मूल्य स्तर पर एटालिन एचईपी की परियोजना लागत 32,813 करोड़ रुपए  है, जबकि अटुनली एचईपी के लिए यह 6,866 करोड़ रुपए  है।

श्री नन्द लाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन को 3097 मेगावाट एटालिन, 680 मेगावाट अटुनली, 500 मेगावाट एमिनी, 420 मेगावाट अमुलिन और 400 मेगावाट मिहुमडन नाम की रन ऑफ द रिवर पर आधारित जलविद्युत परियोजनाएं आबंटित की गई हैं। उन्होंने कहा कि 3097 मेगावाट की एटालिन एचईपी भारत में विकासाधीन सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है। पहले यह  सभी परियोजनाएं  प्राइवेट डेवलपर्स को आबंटित की गई थी । अरुणाचल प्रदेश सरकार ने इन परियोजनाओं को एसजेवीएन को पुनः आबंटित कर दिया क्योंकि प्राइवेट डेवलपर्स परियोजनाओं को निष्पादित करने में असमर्थ रहे ।

श्री शर्मा ने बताया कि माननीय केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह और अरुणाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू की गरिमामयी उपस्थिति में इन पांच जलविद्युत परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए एसजेवीएन और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर अगस्त 2023 में हस्ताक्षर किए गए।

उन्होंने आगे बताया कि सीईए से इन परियोजनाओं की डीपीआर पुनर्वैधीकरण की प्रक्रिया में है, जबकि अधिकांश वैधानिक मंजूरियाँ प्राप्त हो चुकी है। कमीशनिंग पर 3097 मेगावाट ईटालिन एचईपी 12,752 मिलियन यूनिट विद्युत का  उत्पादन करेगी जबकि 680 मेगावाट ईटालिन एचईपी 2,814 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी। जबकि दोनों परियोजनाओं से लेवलाइज्ड टैरिफ 4.51 रुपए प्रति यूनिट है।  श्री नन्द लाल शर्मा ने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं के निर्माण में लगभग 40,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। परियोजनाओं की कमीशनिंग से सड़कों और पुलों, सामुदायिक संपत्तियों, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास एवं शिक्षा जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत करके, रोजगार के कई रास्ते पैदा करके, सतत विकास आदि के साथ-साथ परियोजना से जुड़े परिवारों को अतिरिक्त लाभ सहित अरुणाचल प्रदेश राज्य में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के युग की शुरुआत होगी ।

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