सरकार के समक्ष आर्थिक कठिनाइयों का दौर शुरू

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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन तक देने के पैसे नहीं है और वेतन देने के लिए सरकार को अब लोन लेना पड़ेगा। यह बात सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को शिमला सचिवालय में कार्यभार सम्भालने के दौरान कही। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार के सामने काफी बड़ी चुनौतियां है। खजाना पूरी तरह से खाली हो चुका है प्रदेश आर्थिक रूप से कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा है। प्रदेश को चलाने के लिए जो दिन-प्रतिदिन के खर्चे हैं उसके लिए भी पैसे नहीं है। पूर्व की सरकार ने राजनीति के आधार पर जगह-जगह संस्थान खोल दिए हैं और इन संस्थानों को चलाना हो तो 5 हजार करोड़ की जरूरत पड़ेगी । जिसको देखते हुए सरकार ने फिलहाल इन विभागों को डिनोटिफाई किया है। हर्षवर्धन चौहान कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि अब कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है। जनवरी फरवरी-मार्च के लिए एक हजार करोड़ का लोन लेना पड़ेगाा। प्रदेश पहले ही 75,000 करोड़ के कर्ज के नीचे दबा हुआ है पूर्व की बीजेपी सरकार ने राजनीतिक हित को आगे रखते हुए कार्य किया और अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। कैबिनेट में साफ-सुथरे नौजवान और अनुभव वाले मंत्री बनाए गए हैं और जो प्रदेश में विकास रुका हुआ है उसे शुरू किया जाएगा और भ्रष्टाचार को खत्म किया जाएगा और नई सोच के साथ काम किया जाएगा। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कांग्रेस सत्ता का सुख भोगने नहीं बल्कि सत्ता परिवर्तन के लिए आई है वहीं उन्होंने कहा कि 13 जनवरी को सचिवालय में पहली कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ओपीएस को बहाल किया जाएगा।

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